Zobox Success Story: आज हमारे देश भारत में भारत में Startups का (Hub) हब रहा है क्योंकि रोजाना ने स्टार्टअप भारत में शुरू हो रहे हैं और की स्टार्टअप तो आज के समय में यूनिकॉर्न भी बन चुके हैं। यहां यूनिकॉर्न का मतलब है कि किसी स्टार की वैल्यू जब एक बिलियन डॉलर से ज्यादा हो जाती है तो वह Startup Unicorn कहलाता है।
Zobox Success Story
अगर हम रिपोर्ट्स के अनुसार बात करें आज के समय की तो 100 से भी ज्यादा यूनिकॉर्न स्टार्टअप है तो हम इस चीज से अंदाजा लगा सकते हैं कि भारत में किस रफ्तार से आज के समय में Startups की Growth बढ़ रही है। इसलिए आज हम आपके सामने स्टार्टअप की दुनिया से एक सफलता की कहानी लेकर आए हैं जिसमें इस बिजनेस के फाउंडर ने पुराने मोबाइल फोन की मदद से करोड़ों रुपए की कंपनी खड़ी कर दी।
हम यहां पर नीरज चोपड़ा( Neeraj Chopra) की बात कर रहे हैं जिन्होंने जो Zobox नाम के स्टार्टअप को शुरू किया था और आज वह स्टार्टअप करोड़ का बन चुका है। आज कि इस आर्टिकल में हम आपको Zobox Success Story के बारे में बताएंगे और जानेंगे कि नीरज चोपड़ा ने कैसे अपनी इस बिजनेस को करोड़ों का बना दिया।
ऐसी हुई थी Zobox Success Story की शुरुआत
नीरज चोपड़ा का जन्म भारत के दिल्ली शहर में हुआ था और उनके दादाजी भारत पाकिस्तान के विभाजन के समय भारत आए थे। और पाकिस्तान में अपना सब कुछ छोड़ झाड़ कर उन्होंने यहां से अपने परिवार का सब कुछ नए सिरे से शुरू किया। नीरज के पिताजी हांगकांग (Hongkong) में इंपोर्ट एक्सपोर्ट का बिजनेस करते थे और इसी कारण नीरज चोपड़ा 18 साल के हुए तो साल 2000 में अपने पिता के पास हांगकांग चले गए थे।
नीरज चोपड़ा हांगकांग पहुंचने के बाद वहीं पर अपनी पूरी पढ़ाई की और जब वे 12 साल के हो गए थे तो अपने पिताजी का इंपोर्ट एक्सपोर्ट का बिजनेस भी संभालते लग गए थे। अब तक तो सब कुछ ठीक ही चल रहा था लेकिन 2012 में नीरज को अपने देश भारत वापस लौट आना पड़ा क्योंकि उनके चाचा जी का अचानक निधन हो गया था।
जब नीरज चोपड़ा वापस भारत आए थे तो उन्होंने देखा कि भारत में पावर बैंक की डिमांड बहुत ज्यादा बढ़ रही है पर अभी तक इसका ज्यादा प्रोडक्शन शुरू नहीं हुआ है। इसलिए नीरज ने हांगकांग से पावर बैंक को इंडिया में इंपोर्ट करवाना शुरू कर दिया और फिर उन्होंने यहां पर 5 साल तक और बैंक और इलेक्ट्रॉनिक का कारोबार किया। यहां से एक्सपीरियंस लेने के बाद 2020 में उन्होंने खुद की कंपनी बनाने का सोचा और यही से उन्होंने Zobox Startups की शुरुआत की।
नीरज ने कोरोना कल में यह बिजनेस शुरू किया था!
जब नीरज Zobox कंपनी की शुरुआत करने वाले थे उसी समय भारत में लॉकडाउन लग गया था और इसी कारण उन्होंने अपनी इस बिजनेस के आइडिया को थोड़े समय बाद यानी कि दिसंबर 2020 में शुरू किया। नीरज ने Zobox कंपनी में पुराने मोबाइलों को रिफर्निश करके वापस बेचते थे यहां पर नीरज पुराने मोबाइल को खरीद लेते थे और उन्हें वापस दोबारा ठीक करके उनको बेच देते थे। जब उन्होंने यह बिजनेस शुरू किया तो उनका बिजनेस तेजी से Grow करने लग गया था।
जब उन्होंने यह बिजनेस शुरू किया तो उनका बिजनेस थोड़ा मुश्किल से चला था क्योंकि उसे समय उन्हें कुछ ज्यादा अच्छा रिस्पांस नहीं मिलता था शुरू में वह केवल मुश्किल से 100 मोबाइल ही भेज पाते थे पर आज कहानी बिल्कुल ही उसके विपरीत है।
आज उनकी कंपनी करोड़ों की बन चुकी है!
Zobox नाम की यह कंपनी जो कोरोना कल में शुरू हुई थी वह आज करोड़ों की बन चुकी है। एक समय ऐसा भी था जब नीरज चोपड़ा इस कंपनी के द्वारा सिर्फ कुछ ही मोबाइल भेज पाते थे और आज देख लो आज के समय में हर दिन उनके 20000 से ₹25000 मोबाइल आसानी से बिक जाते हैं। इसके अलावा नीरज ने दिल्ली के करोल बाग में एक छोटा सा स्पेस भी बनवाया है जहां पर उनकी टीम मोबाइल रिपेयरिंग भी करती है।
अगर हम नीरज चोपड़ा की कंपनी के टर्नओवर की बात करें तो अभी इस समय Zobox कंपनी का टर्नओवर 50 करोड़ तक पहुंच गया है, जिसके कारण यह कंपनी करोड़ों की बन चुकी है।
Zobox Success Story Overview
Table | Zobox Success Story |
Zobox’s Launch and Development | Established in 2020, we’re a B2B brand focusing on refurbished mobile phones, leading the market in this industry. |
Future of Refurnished Gadgets | More people want it because it’s cheap and better for the environment. |
How Zobox helps the environment | We’re really committed to being eco-friendly. |
Success Guiding Principle | We’re committed to giving you great refurbished gadgets at affordable prices, with a focus on quality, the latest models, and innovations. |
Neeraj Chopra’s Background | With 15+ years in electronics, we know the industry well, both at home and abroad. Leading the way in refurbished gadgets in India. |
इन्होंने कभी भी हार नहीं मानी और हमेशा ही पॉजिटिव सोच रखी यही कारण है उन्होंने अपने पुराने फोन की मदद से आज इतनी बड़ी कंपनी खड़ी की।
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नीरज ने कभी हार नहीं मानी और हमेशा ही पॉजिटिव सोच रखी यही कारण है उनके पुराने मोबाइल फोन की मदद से आज इतनी बड़ी कंपनी बना डाली है।
Zobox Success Story Interview
हम यह आशा करते हैं कि इस आर्टिकल के जरिए आपको Zobox Success Story की पूरी जानकारी मिल गई होगी। इस आर्टिकल को अपने दोस्तों के साथ शेयर जरूर करें ताकि उन्हें भी जो Zobox Success Story की जानकारी मिल सके। ऐसी और अमेजिंग आर्टिकल को पढ़ने के लिए हमारे पेज Apnanews11.com को जरुर विजिट करें
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