बेनो जेफिन, भारत की पहली महिला नेत्रहीन IFS अधिकारी, ने अपने जीवन में मेहनत और आत्मविश्वास से बहुत सारी मुश्किलें पार की हैं। उन्होंने 2015 में एक बड़ी सफलता हासिल की, और लोग आज भी उन्हें प्रेरणा का स्रोत मानते हैं।
यहाँ देखा जा सकता है कि उन्होंने अपनी नकाबिली से बचकर देश और विदेश में सेवा का एक महत्वपूर्ण क्षेत्र बना लिया है।
केरल के कोल्लम जिले में जन्मी बेनो की बचपन से ही अपनी आंखों में रोशनी नहीं थी। लेकिन, उन्होंने हार नहीं मानी और दृढ़ संकल्प के साथ अपनी शिक्षा जारी रखी।
बेनो जेफिन ने अपनी स्कूलिंग चेन्नई की लिटिल फ्लवर कॉन्वेन्ट हाईय़र सेकेंड्री स्कूल से रही थी। बचपन से ही पढ़ने-लिखने में होशियार जेफीन ने स्कूल में कई स्पीच का भी हिस्सा होती थी।
उन्होंने एकबार जवाहरलाल नेहरू के ऊपर भाषण दिया था, जिसमें उन्हें प्रथम पुरस्कार भी मिला था। बेनो ने स्टेला मैरिस कॉलेज से अपना ग्रेजुएशन की डिग्री और लॉयला कॉलेज से मास्टर्स कंप्लीट किया था।
यूपीएससी परीक्षा की तैयारीबेनो ने मेहनत और आत्मविश्वास के साथ कड़ी कोशिश की। उन्हें ब्रेल लिपि की किताबें नहीं मिलती थीं, जिससे उन्हें खुद पढ़ने में मुश्किल होती थी। उनके परिवार और दोस्तों ने मिलकर उनकी मदद की। उन्होंने जॉब एक्सेस विद स्पीच सॉफ्टवेयर का उपयोग भी किया।
कब मिली सफलताबेनो ने साल 2013 में यूपीएससी परीक्षा दी थी। आखिरकार, साल 2014 में उन्होंने सफलता का परचम लहराया।
परीक्षा में बेनो ने 343वीं रैंक हासिल कीं। उन्हें वर्ष 2015 में फॉरेन मिनिस्ट्री में पद सौंपा गया। इस तरह, उन्होंने भारत की पहली महिला नेत्रहीन IFS अधिकारी बनने का इतिहास रच दिया।
अपनी सेवा के दौरान बेनो ने कई महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया और आज देश भर में लोगों की इंस्पिरेशन बनी हुई हैं।
Nations Permitting Assisted Suicide for Mental Health Challenges